जाने कोरोना से बचने के लिए कौन सा मास्क है बेहतर, कबसे हम कर रहे इसका इस्तेमाल

जाने कोरोना से बचने के लिए कौन सा मास्क है बेहतर, कबसे हम कर रहे इसका इस्तेमाल

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस के फैलते प्रकोप को देखते हुए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। लेकिन मास्क सिर्फ कोरोना से बचने के लिए ही उपयोगी नहीं है बल्कि यह हमें प्रदूषण से भी बचाता है। इन सबको देखते हुए एक तरह से हम कह सकते हैं कि मास्क हमें जीवन सुरक्षित रखने के लिए पहनना पड़ रहा है। वहीं कोरोना से बचने के लिए डॉक्टर और सरकार ने लोगों को मास्क के साथ सैनेटाइजर इस्तेमाल करने को कहा है।

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हमें मास्क की पहचान कब हुई और इसे हम कैसे बीमारियों से बचने के लिए प्रयोग करने लगे यह सब जानने के लिए हमें मास्क के इतिहास को जानना जरूरी है। तो आइए जानते है मास्क के इतिहास के बारे में-

1897 में हुई थी मास्क की शुरुआत

लगभग सवा सौ पहले साल 1897 में, फेस मास्क की शुरूआत पेरिस में की गई थी। फ्रेंच सर्जन पॉल बर्जर ने एक सर्जरी करते हुए इसे पहना था। साल 1910 में मास्क चीन के लिए एक सुरक्षित रास्ते के तौर पर बना गया और जल्द ही चिकित्सा आधुनिकता का प्रतीक बना। जैसे ही न्यूमोनिक प्लेग दुनिया में फैला मास्क को प्राथमिक निवारक उपाय के रूप में देखा गया।

मास्क के फायदे क्या है?

हम सब दिन में की बार अपना चेहरा छूते हैं जिसकी वजह से हम कई बैक्टीरिया को अपने शरीर तक पहुंचा देते हैं। ऐसे में मास्क इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि हम मास्क पहनकर बार-बार अपने मुंह पर हाथ भी लगाएं तो वो मास्क के ऊपर ही रहेगा। इससे हमारे मुंह के अंदर किसी भी प्रकार का कोई बैक्टीरिया नहीं जा सकता। हमारे शरीर में ऐसे संक्रमण न पहुंचा पाए इसलिए हमे हाथ धोने की सलाह दी जाती है। वहीं मास्क ऐसे में हमारे लिए काफी फायदेमंद और हमे स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकता है।

एसएआरएस के दौरान भी मास्क बना मददगार

साल 1918 तक हर कोई खुद को बचाने के लिए सर्जिकल मास्क पकड़ना चाह रहा था। फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में मास्क समुदाय की देखभाल का प्रतीक बन गए। चीन में वे कम्युनिस्ट पार्टी के स्वास्थ्य अभियानों में शामिल हुआ। जिसके बाद साल 2002 में दुनिया में फैल रहा एसएआरएस (SARS) की महामारी को रोकने के लिए इसे अपनाया गया। इस स्थिति के बाद लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई, न कि दूसरों पर छींक मारने के लिए बल्कि खुद के लिए भी।

चाइना फैशन वीक में भी पहुंचा मास्क

इसके बाद साल 2014 में सर्जिकल मास्क ने चाइना फैशन वीक में पहुंचा। फिर साल 2015 में डिजाइनर मैश मा ने इसे पेरिस के रैंप पर पहुंचाया। ऐसे ही धीरे-धीरे ये लोगों को सुरक्षित रखने के लिए एक अच्छा विकल्प बनता गया। यही वजह है कि डॉक्टर लोगों को किसी भी संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाने का ही सुझाव देते हैं। वहीं, कोरोना वायरस जैसे खतरनाक और जानलेवा बीमारी में भी मास्क को एक अच्छा विकल्प बनाया है। जिससे हम किसी भी संक्रमण से आसानी से अपने आपको बचा सकते हैं।

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